Monday, 28 February 2011



नयी सुबह
 





आई सुबह हटा अँधेरा
 फैला सब ओर  उजियारा
पुष्प, कली पर ओस की बूँदें
स्पन्दन सा करने लगी हैं. 
नव अंकुर नव पल्लव देखो
प्रकृति  से बातें करने लगे हैं,
चिड़ियों का कलरव गुंजन
स्वागत बसंत का करने लगे हैं.
नभ नीला स्फूर्ति ओज्वसित
जीवन का नव सन्देश सुनाता
नव सृजन नव पल्लव अगणित
नई सुबह जीवन 
की 
सुहावनी |


Wednesday, 23 February 2011


माँ
 तुझे नमन 



माँ

एक शब्द ही नहीं
दुनिया पूरा संसार है
हर पल ध्यान धरे बच्चो का,अपनी सुध बिसराती है.


लोरी देकर  हमें सुलाती 
दाना चुगना भी सिखलाती
प्रथम गुरु बन जीवन में ,राह  दिखाती, पंथ बताती 
जीवन का आधार है माँ.

माँ सृजन करती जीवन का


जीवन जीना भी सिखलाती


प्रेम की मूरत, दया की सूरत

जीवन का आधार है माँ.
सब्द नहीं कुछ बयाँ करने को


सब्दों से बढ़कर है माँ 
कोमलता का अहसास और

भावों की धारा भी है माँ. 
इसे जग के और छोर का 
अंतहीन विस्तार माँ
सबसे पहले, ईश्वर से बढ़कर

सबसे  प्यारी अपनी माँ. 
श्री चरणों में नमन तुम्हे  
माँ तुझे नमन .....