Wednesday 23 February 2011


माँ
 तुझे नमन 



माँ

एक शब्द ही नहीं
दुनिया पूरा संसार है
हर पल ध्यान धरे बच्चो का,अपनी सुध बिसराती है.


लोरी देकर  हमें सुलाती 
दाना चुगना भी सिखलाती
प्रथम गुरु बन जीवन में ,राह  दिखाती, पंथ बताती 
जीवन का आधार है माँ.

माँ सृजन करती जीवन का


जीवन जीना भी सिखलाती


प्रेम की मूरत, दया की सूरत

जीवन का आधार है माँ.
सब्द नहीं कुछ बयाँ करने को


सब्दों से बढ़कर है माँ 
कोमलता का अहसास और

भावों की धारा भी है माँ. 
इसे जग के और छोर का 
अंतहीन विस्तार माँ
सबसे पहले, ईश्वर से बढ़कर

सबसे  प्यारी अपनी माँ. 
श्री चरणों में नमन तुम्हे  
माँ तुझे नमन .....

3 comments:

  1. Wakai Maa jagat me sabse anupam aur karib hoti ha. Suncar bhaw.

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  2. वोह जो अश्क अपने बहा गयी तेरे घाव खुद पर उठा गयी,
    उसे याद कर महसूस कर और माँ की अजमत को सलाम कर,

    तेरे हर ज़ख्म की मरहम बनी पर अपने दर्द छुपा गयी,
    उसे छू ज़रा महसूस कर और माँ की हिम्मत को सलाम कर !

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  3. माँ
    तुम त्याग की मूर्ति
    हर कदम पर
    हमारा संबल
    तुमने जीवन में
    हमारी खातिर अपने
    सपनो को त्यागा
    सब कुछ रचा
    सब कुछ गुना
    हमारी खातिर.
    अपने सपनो को
    अपनी इच्छा को
    कभी न तुमने
    पुष्ट किया माँ
    तुमने हमारी खातिर
    अपने आज और कल को
    बहुत सहजता से
    होम किया माँ.

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