Thursday 24 March 2011


जब तुम थे
तो मै सब कुछ थी ,
आज तुम नहीं
तो में कुछ भी नहीं ,
कल तुम थे
तुम्हारा साया था
आज तुम नहीं तो
मै किसका साया हू
मै कल भी तुम्हारी,
आज भी तुम्हारी हू ,
तुम कल भी मेरे अपने थे|
तुम आज भी मेरे अपने हो
में कल तुम्हे महसूस सकती थी,
मै आज भी महसूस करना चाहती हू|

2 comments:

  1. Apno se bicho ka dard bahut hi salike se ukera ha apne is rachna me.. bahut bahut sadhuwad..

    ReplyDelete
  2. अपनों को अपने जब खो देते हैं,
    तन्हाई में अक्सर वो रो देते हैं,

    क्यूंकि पलकों पे बैठते हैं लोग जो,
    पलकों को आंसुओं से भिंगो देते हैं.!

    ReplyDelete