Friday 25 March 2011

तुम लड़की हो...





तुम लड़की हो...
सुनो!
जहाँ कुहासा हो
तुम वहाँ न जाना
जहाँ अँधेरा हो
वहाँ न जाना
तुम लड़की हो
ये मत भूलना
क्यों की तुम्हारा
लड़की होना किसी को
नहीं भाता है.
सुनो लड़की
इतराती, बलखाती
नदी की भांति
मत चलना
अपने हाव, भाव
संभल कर रखना.
ज़माने की निगाह
तुम पर है और
तुम्हारी हर हल चल
उनकी नजर में,
बस तुम नजरें झुककर
सहम सहम कर
डर डर कर चलो
क्यों की जन्मने और
ज़माने वाले यही चाहते
हैं तुमसे लड़की..!
बस ये याद रखना
तुम लड़की हो....

2 comments:

  1. अभी समाज में बहुत लोग हैं जो लड़की को कन्या और नारी को देवी मानते हें !

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  2. Bahut sundar bhaw anita jee..

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