Saturday 23 April 2011


शिव भोले नाथ आओं ...

शिव भोले नाथ आओं
करु तुम्हारा अभिनन्दन
लगाऊं तुम्हे मै
अक्षत चन्दन
तुम ही शिव,तुम ही सत्य
मेरे शिव भोले नाथ
प्रेम तुम्हारा
जगा रहे दिन रात
वारु सब कुछ
तुमपर सदा मेरे भोले नाथ

दूध फूल पुष्प चढ़ाऊ
हे कैलाशपति मुरारी
उमापति त्रिपुरारी
सबके दुःख हो कम
ख़ुशी होए हरदम
मानवता के लिए
करू मै कामना,
बढे परस्पर प्रेम
सहयोग की भावना,
स्वभाव मे हो इतनी शीतलता
क्रोध कि अग्नि जलने न पाए
अंतर्मन रहे निष्कपट, निश्छल, 

सत्य केवल सत्य का ही
जाप करू मै'अंतर्यामी
तुम ही भोले तुम ही
बागम्बर मेरे स्वामी,
मै मै" न रहू तुम' हो जाऊ
तुमसे मिलकर
शिव भोले नाथ आओं
करु तुम्हारा अभिनन्दन
लगाऊं तुम्हे मै
अक्षत चन्दन|



2 comments:

  1. Om Namah Shivaya.. Bahut Sundar Rachna.... Sadhuwad Anita ji......

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  2. Shiv Ganga ki pawan maati, Hari Darshan ki ankiyan pyashi. Sulabh Kabhi hogay kya Hey Prabhu, Nagri aakar darash niharun. Shiv Bhole tum jag ke Swami, puran sabke kaaja karo prbhu, hum par thodi daya karo prabhu... Jai Shiv Shakti ki.

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